गुरुवार, 17 नवंबर 2016

सीता राम यचुरी


जिस तरह राम के अश्वमेघ घोड़े को लव और कुश ने रोका था , उसी तरह भाजपा की साम्प्रदायिकता की मुहीम को मजदूरों और किसानों का यह लाल झंडा रोकेगा जिसमें हथौड़ा मजदूरों की और हंसिया किसानों  की ताकत का प्रतीक है । 
सीता राम यचुरी 
सी पी आई एम 
जनरल सैक्टरी 

कर्ज


देश के इन बड़े पूंजीपतियों पर 12 लाख करोड़ रूपये का कर्ज है । वसूली कब होगी ? पता नहीं ? किसान की कर्ज की क़िस्त जमा न हो तो बैंक को 21 दिन तक बंदी करने की इजाजत है । 


किसानों

भाजपा के राज में किसानों की
आत्महत्याओं में 26 की बढ़ोतरी 
हुई है ।  देश का अन्नदाता आत्म 
हत्या कर रहा है । क्यों ?

रोजगार


खुद सरकार ने संसद में यह स्वीकार किया है कि सिर्फ 1 लाख 35 हजार नए रोजगारों का ही  सृजन हुआ है जबकि इस दौरान रोजगार चाहने वाले युवकों की संख्या 1 करोड़ 30 लाख थी । अर्थात सिर्फ 1 प्रतिशत युवाओं को ही रोजगार मिला । 



प्रधानमंत्री

 प्रधानमंत्री नरेन्द्र दामोदर मोदी देश के प्रधान सेवक नहीं हैं. यह जिन लोगों के सेवक हैं उनको लाखों-लाख करोड़ रुपये का फायदा पहुंचा रहे हैं. दूसरी तरफ 10 नवम्बर से पूरे देश की आम जनता के 80 प्रतिशत लोगों को विभिन्न बैंकों के  सामने रोटी खाने के लिए रुपया निकालने के लिए लाइन में खड़ा कर रखा है. विमुद्रीकरण के बहाने उद्योग जगत के मालिकों को फायदा पहुँचाया जा रहा है. वहीँ, छोटे व्यापारियों को भी रोजी रोटी से महरूम किया जा रहा है. मालिकों का जिस तरह से भी फायदा होना है. प्रधान सेवक को उसी हिसाब से कार्य करना है. भारतीय जनता के प्रति उनकी कोई जिम्मेदारी नहीं है. इसके बाद साम्राज्यवाद को फायदा देने के लिए उनके हथियारों को खरीदने के लिए काल्पनिक युद्ध की तैयारियां चल रही हैं जो किसी समय प्रारंभ हो सकती हैं. युद्ध का छद्म वातावरण नरसंहारी योजना का एक हिस्सा है. क्रूर शासक हमेशा जनता का नरसंहार कराता रहता है. हमारा देश भी उसी दिशा में आगे बढ़ रहा है. लोकतंत्र खतरे में है.न्यायपालिका को पंगु बनाने के लिए न्यायाधीशों की नियुक्तियां बंद कर दी गयी हैं.
सुमन 

 

48,000 करोड़ रुपये उद्योगपतियों के माफ़

एसबीआई ने जून 2016 तक 48,000 करोड़ रुपये उद्योगपतियों को
माफ़ कर दिया है. जिन कर्जों को माफ़ किया गया है उनकी सूची में 1,201 करोड़ रुपये के कर्ज के साथ किंगफिशर एयरलाइंस के मालिक विजय माल्या का नाम सबसे ऊपर है. इसके बाद केएस ऑयल (596 करोड़) सूर्या फॉर्मास्यूटिकल्स (526 करोड़), जीईटी पॉवर (400 करोड़) और एसएआई इंफो सिस्टम (376 करोड़) का नाम है.
लोक संघर्ष से


भारतीय लोकतंत्र

भारतीय लोकतंत्र में वेटिंग प्रधानमंत्री ने चुनाव को  संचालित करने के लिए हज़ारों करोड़ रुपये चुनाव में  कॉर्पोरेट सेक्टर से लिए थे. उसकी अदायगी स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया ने सात हज़ार सोलह करोड़ रुपये बट्टे खाते में डाल कर माफ़ कर दिया है. दूसरी तरफ विमुद्रीकरण कर गरीब, मजदूर, किसान के यहाँ काला धन ढूँढा जा रहा है. अब तक 36 लोग मर चुके हैं और हजारों लोग रुपया होते हुए भी नरेन्द्र दामोदर मोदी की सनक के कारण इलाज न पाने के कारण मर चुके हैं जबकि कर्नाटक भाजपा के पूर्व नेता और मंत्री रहे जनार्दन रेड्डी अपनी बेटी की शादी करने जा रहे हैं जिसमें 500 करोड़ रुपए का खर्च कर रहे हैं और यह रुपया कहाँ आ रहा है और विमुद्रीकरण के कारण यह 24 हज़ार रुपये से ज्यादा एक हफ्ते में कैसे निकाल लेंगे यह प्रश्नचिन्ह है और मोदी साहब को यह सब नहीं दिखाई दे रहा है.