साथ तुम्हारा इन्कलाब नारा इस कदर भा गया
मकसद वीरान जिन्दगी का जैसे फिर से पा गया
मोम के घरों में बैठे लोग हमारे घर जलाने आये
जला दिए हमारे मग़र अपने भी ना बचा पाये
तबाह कर दिया जहान को मुनाफा हमें खा गया
रास्ता ही गल्त पकड़ा हमें भी उसी पर चलाया है
स्वर्ग नर्क के पचड़े में तुम्हीं ने हमको फंसाया है
भगवान और बाबाओं का खेल समझ में आ गया
आशा बाबू एक प्रवचन के कई लाख कमाते हैं
निर्मल बाबू नकली लोग पैसे दे कर के बुलाते हैं
भगवान की आड़ में मुनाफा दुनिया पर छा गया
जात गौत उंच नीच देश प्रदेश में दुनिया बंटी
फेंकी जा रही उम्मीदें और हम भी गफलत में हैं
गंगा जमनी हमारी विरासत पर हमला बोल दिया
घृणा और नफरत देश में आज बना माहौल दिया
सजग रहना है हम सबको करना है संघर्ष मिलके
बढ़ती बेरोजगारी के खिलाफ भाई चारे के लिए