गुरुवार, 17 नवंबर 2016

भारतीय लोकतंत्र

भारतीय लोकतंत्र में वेटिंग प्रधानमंत्री ने चुनाव को  संचालित करने के लिए हज़ारों करोड़ रुपये चुनाव में  कॉर्पोरेट सेक्टर से लिए थे. उसकी अदायगी स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया ने सात हज़ार सोलह करोड़ रुपये बट्टे खाते में डाल कर माफ़ कर दिया है. दूसरी तरफ विमुद्रीकरण कर गरीब, मजदूर, किसान के यहाँ काला धन ढूँढा जा रहा है. अब तक 36 लोग मर चुके हैं और हजारों लोग रुपया होते हुए भी नरेन्द्र दामोदर मोदी की सनक के कारण इलाज न पाने के कारण मर चुके हैं जबकि कर्नाटक भाजपा के पूर्व नेता और मंत्री रहे जनार्दन रेड्डी अपनी बेटी की शादी करने जा रहे हैं जिसमें 500 करोड़ रुपए का खर्च कर रहे हैं और यह रुपया कहाँ आ रहा है और विमुद्रीकरण के कारण यह 24 हज़ार रुपये से ज्यादा एक हफ्ते में कैसे निकाल लेंगे यह प्रश्नचिन्ह है और मोदी साहब को यह सब नहीं दिखाई दे रहा है.

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