रविवार, 15 मई 2016

कितनी ही छुपा लो हकीकत अपने चेहरे की 
फिर भी लगता है कि यह खफा रहता है यारो 
धूप चाहिए पानी भी और हवा भी वर्ना देखो 
बीज मिट्टी में दबा हो तो वो  दबा ही रहता है 


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें