आज के दौर के लेख
रविवार, 20 सितंबर 2015
मैं क्या कर सकता हूँ सिवाय सहने के
और क्या रास्ता सिवाय चुप रहने के
ज्यादा से ज्यादा दो बातें बस कहने के
ज्यादा कहा तो शहंशाह नहीं सहने के
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